ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर दुनिया फिर चिंतित हो उठी है। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के प्रमुख राफेल ग्रोसी ने हाल ही में बताया कि ईरान के कई ठिकानों पर फिर से हलचल देखी
संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी
ग्रोसी के मुताबिक एजेंसी को संकेत मिले हैं कि कुछ साइट्स पर गतिविधियां “पुनः शुरू” हुई हैं। हालांकि, फिलहाल ऐसा नहीं लगता कि ईरान यूरेनियम संवर्धन (enrichment) को सक्रिय रूप से बढ़ा रहा है।
अंतरराष्ट्रीय चिंताएं
दुनिया भर के कई देश — खासकर अमेरिका और इस्राइल — पहले से ही ईरान के परमाणु प्रयासों को लेकर सतर्क हैं। किसी भी अप्रत्याशित गतिविधि से क्षेत्रीय स्थिरता पर असर पड़ सकता है।
IAEA की निगरानी जारी
ग्रोसी ने कहा कि एजेंसी लगातार हालात की निगरानी कर रही है और किसी भी बदलाव की सूचना सदस्य देशों को दी जाएगी। उन्होंने ईरान को पारदर्शिता बनाए रखने की अपील भी की।
पृष्ठभूमि और राजनीतिक असर
2015 में जो समझौता हुआ था (JCPOA), वह अमेरिका के बाहर निकलने के बाद कमजोर पड़ गया। अब ईरान और पश्चिमी देशों में तनाव फिर बढ़ता दिख रहा है।
यह खबर बताती है कि परमाणु राजनीति अभी भी वैश्विक सुरक्षा के मुख्य मुद्दों में से एक बनी हुई है।