पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच डूरंड रेखा पर तनाव कोई नई बात नहीं है, लेकिन जब से अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता में वापसी हुई है, यह तनाव और भी गहरा गया है। एक समय था जब पाकिस्तान तालिबान का सबसे बड़ा समर्थक माना जाता था, लेकिन आज वही तालिबान पाकिस्तान के लिए सिरदर्द बन गया है। सीमा पर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के बढ़ते हमलों ने पाकिस्तानी सेना और सरकार की नींद उड़ा रखी है। इन हमलों को रोक पाने में नाकाम पाकिस्तान अब अपनी असफलता का ठीकरा भारत पर फोड़ने की कोशिश कर रहा है।
पाकिस्तान का हास्यास्पद आरोप
पाकिस्तानी सरकार ने एक सनसनीखेज लेकिन हास्यास्पद आरोप लगाते हुए कहा है कि अफगान तालिबान, भारत के इशारे पर काम कर रहा है। पाकिस्तान का कहना है कि भारत, तालिबान का इस्तेमाल करके पाकिस्तान में अस्थिरता फैलाना चाहता है। यह आरोप इसलिए भी हैरान करने वाला है क्योंकि पूरी दुनिया जानती है कि तालिबान की विचारधारा और भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों में जमीन-आसमान का अंतर है। पाकिस्तान के इस बयान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोई गंभीरता से नहीं ले रहा है, बल्कि इसे अपनी घरेलू नाकामियों को छिपाने की एक और कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
क्यों लगा रहा है पाकिस्तान ऐसे आरोप?
इसके पीछे कई बड़ी वजहें हैं। पहली और सबसे बड़ी वजह है तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) का बढ़ता आतंक। TTP के लड़ाके अफगान सीमा से आकर पाकिस्तान में लगातार हमले कर रहे हैं और पाकिस्तानी सेना उन्हें रोकने में बुरी तरह विफल रही है। पाकिस्तानी सरकार को लगता है कि ऐसे आरोप लगाकर वह अपनी जनता का ध्यान भटका सकती है। दूसरी वजह है, अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की बढ़ती साख। पाकिस्तान किसी भी तरह से भारत की छवि को धूमिल करना चाहता है। इसलिए वह तालिबान और भारत के बीच एक झूठा कनेक्शन बनाने की कोशिश कर रहा है ताकि दुनिया का ध्यान भारत की ओर मोड़ा जा सके।
तालिबान और पाकिस्तान के बिगड़ते रिश्ते
जब तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा किया था, तो पाकिस्तान में जश्न का माहौल था। उसे लगा था कि अब काबुल में उसकी अपनी सरकार है। लेकिन तालिबान ने सत्ता में आते ही पाकिस्तान को आंखें दिखानी शुरू कर दीं। डूरंड रेखा को लेकर विवाद और TTP को अफगान तालिबान का समर्थन, इन दो मुद्दों ने दोनों के रिश्तों में खटास पैदा कर दी है। तालिबान, पाकिस्तान को अपना गुलाम नहीं, बल्कि एक बराबर का पड़ोसी मानता है, जो बात पाकिस्तानी हुक्मरानों को हजम नहीं हो रही है। अब जब पानी सिर से ऊपर जा रहा है, तो पाकिस्तान अपनी पुरानी आदत के मुताबिक, हर समस्या के पीछे भारत का हाथ बता रहा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि पाकिस्तान की इस नई कूटनीतिक चाल का उस पर और इस क्षेत्र पर क्या असर पड़ता है।